पुरुषार्थ से अमावस्या को पूर्णिमा में बदल सकते हैं, दीपावली का संदेश समझा रही हैं कवयित्री कीर्ति काले
अपनी मधुर आवाज़ में लंबे समय से काव्य पाठ कर दर्शकों और श्रोताओं के दिलों पर छा जाने वाली कवयित्री कीर्ति काले आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. काव्यमंचों से काव्य पाठ, मंच संचालन समेत बाल पुस्तकों का संपादन करने जैसी अनेकों प्रतिभाओं की धनी कीर्ति काले ने अपने शब्दों और सुरों के जादू से NDTV दर्शकों को भी वंचित नहीं रखा और दीपावली के अवसर एक खास संदेश अपने सभी सुनने वालों को दिया है.
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